बारिश के आते ही
बारिश के आते ही
कुछ बीज मैंने भी बोये,
आशा के,
मन में उल्लास लिए,
बारिश की बूंदों से अंकुरित होने लगे हैं,
दिल में उम्मीद जाग रही है,
इनके साथ ही,
हमारी खुशियां भी बढ़ती जाएंगी,
निराशा के साये छंटने लगे हैं,
पौधों के साथ जीवन जागने लगा है,
रोज पौधों को बढ़ते देखना,
कितनी सुखद अनुभूति है,
एक दिन ये विशाल वृक्ष में तबदील हो जाएंगे,
और हमारी आने वाली पीढ़ी को,
अपनी छाँव में, अपनी ठंडी हवा के झोंकों के साथ,
हमारी याद हमेशा दिलाएंगे
उनके मन को छू जाएंगे,
ये नन्हे पौधे बहुत कुछ कर जाएंगे ।