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Neha Yadav

Romance

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Neha Yadav

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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एक बार इन लबों से, मेरा नाम लीजिएगा,

कह कर मुझे आमीन, आराम दीजियेगा।

शहर के सरफिरे हैं, हम दोनों जहान में,

बताकर मुझे मसीहा, पहचान दीजियेगा।


चेहरे से चमक जो छलके, केशों से लिपट आपके,

नज़रें झुका के यूँ ना सनम, मेरी जान लीजिएगा।

बेचैन करके मुझको, खुद चैन कहाँ आपको,

बाहों से लिपट के ऐ सनम, एहसान कीजिएगा।


दिल में उतर के आप मेरे, सरेआम कीजिएगा,

कह कर मुझे मोहब्बत, बदनाम कीजिएगा।

रूठे सनम जो मुझसे, ये मान लीजिएगा,

रूठा सारा जहान है, ये जान लीजिएगा।


एक बार इन लबों से, मेरा नाम लीजिएगा,

कहकर मुझे आमीन, आराम दीजियेगा।।


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