वो पहली मुलाकात
वो पहली मुलाकात
नैनन से नैन मिले जैसे मिले कोई हमजोली,
प्रेम प्रीत का खेल नहीं हृदय बात ही बोली।
क्या कह गई अँखियाँ साथी बिन बोले कोई बात,
व्याकुल जी देखन से ही बस मिले प्राण में श्वांस।
पहली नज़र का पहला प्रेम वो पहली मुलाकात,
आंखें आंखों से बातें करें जब हो हमदम पास।
हस्त स्पर्श से ही हृदय में उठी तरंगों की फुहार,
सलिल धार भांति मन हुआ मांझी का हकदार।
प्रेम सुमन प्रीत से जुड़ जीवन में शामिल किया,
प्रेम भवँर बंध के मैंने जीवन भी समर्पित किया।
वो पहली मुलाकात आखिरी दम तक जुड़ी रहे,
आस, विश्वास की पोटली प्रेम से सदा भरी रहे।।