यादों की बारिश
यादों की बारिश
कुछ यादों का ऐसा तराना हुआ
बिन बारिश इस बार आना हुआ
दूरियों के कशमकश में जाना
तुमसे मिले कितना ज़माना हुआ
बादलों ने भी दस्तक दी थी
पर उन बूंदों से ना याराना हुआ
ख़्वाबों के अंजुमन में सिमटे तो
चाहतों का इक नया अफ़साना हुआ
आंखों से काजल बिखर गए
तेरी यादों में मेरा आना-जाना हुआ
सारी रंगत बरस रही थी मगर
तेरी यादों के बारिश में भीग जाना हुआ।