रात के अंधेरे मैं प्रकाश की ख़ातिर, चाँद ने सूरज से याराना छोड़ दिया रात के अंधेरे मैं प्रकाश की ख़ातिर, चाँद ने सूरज से याराना छोड़ दिया
कह रहा कि जी ले आज, मत तू बीता कल पुकार। बंद कर यादों की किताब, ले ले साथ में साथी चार। कह रहा कि जी ले आज, मत तू बीता कल पुकार। बंद कर यादों की किताब, ले ले स...
जो कभी हम सब मिलकर किया करते थे। जो कभी हम सब मिलकर किया करते थे।
कभी लड़ते झगड़ते भी है बचपन वाली तू तू मैं मैं भी करते है जो भी जैसी भी है बात कर के बचपन की ... कभी लड़ते झगड़ते भी है बचपन वाली तू तू मैं मैं भी करते है जो भी जैसी भी है ...
हर खुशी में साथ, हर ग़म के भागीदार, हर खुशी में साथ, हर ग़म के भागीदार,
फुरसत से मिलेंगे, और खोलेंगे, जंग लगा यादों का पिटारा। फुरसत से मिलेंगे, और खोलेंगे, जंग लगा यादों का पिटारा।