ये दोस्ती
ये दोस्ती


अगाध प्रेम
निश्वार्थ रिश्ता होता है
ना रक्तसंबंध
फिर भी दिल से जुड़ा लगता है
कभी शुभचिंतक
कभी गुरु सा प्रेरक
फ़िक्र मात-पिता सी
भाई बहन से नहीं कम
दोस्ती रिश्ता ऐसा होता है
ना शर्त ना समर्पण
ना निभाने की मजबूरी
कितना भी दूर रहे
ना दिलो की दूरी
जज्बात बह जाते है
नीर भी छलक जाते है
बिछड़े दोस्त जब मिल जाते है
ना कोई शिकवा
ना कोई शिकायत
बस मिल बैठ
कुछ पल बचपन को जी जाते है
दिल से दुआ निक
ल जाती है
जब वो तकलीफ में हो.....
हाँ गमो की धूप में
ठण्डी छाँव बन जाते है
और मायूसी के ठंड में
गुनगुनी धूप बन जाते है
है जिंदगी में इतने ख़ास
की हम दिल से उनसे रिश्ता निभाते है
कभी लड़ते झगड़ते भी है
बचपन वाली तू तू मैं मैं भी करते है
जो भी जैसी भी है
बात कर के बचपन की यादें
कुछ चलचित्र से घुमड़ जाते है
कुछ पल को ही सही
हम बचपन को जी जाते है
यार तू कही भी रहे
सलामत रहे ये याराना
दोस्ती बस दिल से निभाना