शिक्षक
शिक्षक
क्या होता है
एक शिक्षक.....
जो बच्चों को पढ़ाते हैं
पढ़ाते हुए स्वयं भी पढ़ते हैं।
सीखते है अभाव के बीच भी जीना
निश्छल होकर मुस्कुराना।
की कितनी भी जदोजहद कर, वो स्कूल जब पहुँचते है
लाख तनाव भी हो, सब छूमंतर हो जाते है,
वो बचपना जो व्यक्तित्व में कहीं दफ्न होता है।
दिल करता है कि बच्चा बन, बच्चों के बीच बैठ जाऊँ।
भूल जाऊँ कुछ पल को
की मैं कौन हूँ ..?
दिल करता है
की उनकी हिंदी कविता की पंक्तियाँ
उनके साथ दोहराऊं।
अवकाश के पल झूमकर इतराउं
दोनो हाथ पंछियों की तरह निकाल
मैदान का एक चक्कर लगाऊँ
हाँ शामिल होना चाहती हूँ
उनके खेलों में
वो कँचे को उँगलियों में फंसाकर मारना
मुझे आज भी आता है।
उनके सांस्कृतिक कार्यक्रम के रिहर्सल में
कितने स्टेप उन्हें सिखाते हुए
खुद भी कर जाना
औऱ उनकी तालियों के शोर से फिर वर्तमान में आ जाना।
उनके हँसी, खुशी,उदासी सब उनके साथ महसूस करना
जिस बच्चे का पिता नही है..
जिसकी माँ नही होती है.
जिस दर्द से एक बच्चा गुजरता है
उस दर्द को महसूस करना
की शिक्षक के रूप में होकर भी छलक जाती है आँखे।
उनके नंगे पैर देखकर
नवरात्रि में खुद चप्पल न पहनना
की महसूस करना 
;की
ये कंकड़ उन्हें कितने चुभते है।
हाँ भीगना बारिश में..
की बच्चें बहाने से भीगते है।
ठंड में स्वेटर नही पहनना की
जानना ठंड बच्चों को क्यों नही लगती ?
अंग्रेजी, हिंदी, बहुभाषा को कर किनारे
उनकी बोली बोलना
जो जोड़ती है उनसे
की घर सा अपना स्कूल लगे
वो सब करते है एक शिक्षक ...
जिसकी वजह बच्चों की मुस्कुराहट होती है।
कुर्सी ,टेबल को छोड़ उनके बीच बैठ
किसी गतिविधियों को करना।
वो तमाम जतन करना
की उनका व्यक्तित्व निखरे।
उन्हें बिना बताए
उनकी हर समस्या हल करना।
बस एक कोशिश ,,यही
की जैसे वो सब फेवरेट है मेरे।
उनकी फेवरेट मुझे बनना है।
की इंतजार रहता है आने वाले कल का..
कोई जीवन में एक मुकाम बना.
इस वर्तमान को दोहराएगा।
कोई बच्चा फिर जब शिक्षक बनकर आएगा।
दोहराएगा इस पल को
बच्चों के बीच फिर बच्चा बन जाना।
बेशक कल हम नही रहेंगे
हमारी सीख लिए ही
कोई फिर विद्यालय में आएगा
नए शिक्षक ,नए विद्यार्थी
अतीत को समेटे यही शाला भवन वही रहेगा।
एक शिक्षक होता है भविष्य निर्माता।
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या व्यवसायी
एक अच्छा नागरिक
एक नेक इंसान
में कहीं न कहीं होती है गुरु की पहचान।