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मेरे प्यारे बच्चे

मेरे प्यारे बच्चे

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प्रार्थना में और कक्षा में

सारे बच्चे

एक से लगते हैं,

पर भीड़ में 

अपनी अलग पहचान बनाते

कुछ बच्चे हैं

जो प्रश्नों का जवाब देते हैं 

और मुझसे प्रश्न भी पूछते हैं।

कुछ संकोची बच्चे

कक्षा से बाहर जाते

कितनी दूर तक पीछा करते

और प्यार से पूछने पर

वे प्रश्न पूछते।

वो बार बार पूछते हैं

पर मुझे खीझ नहीं

खुशी होती है।

इनकी ये जिज्ञासा ही

भविष्य की सफलता की पहली सीढ़ी है,

जो आज नहीं तो कल

इनकी ही होनी है।

लगभग हर कक्षा में 

ऐसे विद्यार्थी हैं

जो बढ़े होनहार हैं

जिन्हें कक्षा में

शिक्षक का इंतजार रहता है।

विज्ञान मॉडल हो

या कबाड़ से जुगाड़

हर जगह

अपनी जुगाड़ लेते हैं,

कभी -कभी लगता है

क्या करूँ इनके लिए

जो सूरज की रोशनी सा ये

स्कूल को जगमगाते रहते हैं।

बस दिल से दुआ कर

आशीर्वाद का हाथ सर पर फेरती हूं

कि तुम खूब आगे बढ़ो

और बढ़ते रहो

बिना पीछे देखे

हर जगह फतह करो।


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