हमेशा हमेशा के लिए
हमेशा हमेशा के लिए
तुम्हारी सूरत में
एक कशिश है
जो मुझे बेक़रार कर जाती है
तुम्हारी हर बात में
एक नफ़ासत सी है
जो मेरा दिल लूट के ले जाती है
एक ठण्डी छाँव सी है
तुम्हारे पहलू में
जो हर धूप में मुझे
तरोताज़ा रखती है
तुम्हारा आना सर्द मौसम
में एक धूप गुनगुनी है
जो बड़ी देर तक
मुझे गर्माती है
तुम्हारी नज़रें
मुझे बेनक़ाब कर देती हैं
मेरा हर नीयत पर्दाफ़ाश
करती है
तुम्हारी आवाज़
मन के शोर को चीर कर के
दिल में उतर कर बड़ी
देर गूँजती है
मेरी परेशानियाँ
मेरी तन्हाइयां
तुम्हारे लम्स से
पिघलती जाती हैं
टुकड़ों टुकड़ों में
तुमसे मिलकर
मेरी बेचैनियां
मेरी कसक
मेरी तड़प
और भी गहरा जाती हैं
तुम जानते हुए भी
अनजान बनकर
दुनियादारी में
इतने मशगूल होते हो
कि अपने दिल में....
अपनी ज़िंदगी में....
रोजनामचे में
मुझे वो जगह नहीं देते हो
जिसके लिये कहो तो
मैं जान दे दूँ
मैं एक बेमियादी
बेवज़ह बेइंतेहा
इन्तेज़ार की आग में
झुलसती रहती हूँ
बस चंद लम्हों के
सुकून के लिए.....
तुम्हारे बाँहों में आती हूँ
तो लगता है कि अब
मैं तुम्हारा जिम्मा हूँ
मेरा जिस्मोजान तुम्हारे हवाले है
जी करता है कि बस यहीं
तुम्हारे आगोश में फ़ना हो जाऊँ
और गहरी नींद सो जाऊँ सुकून से
हमेशा हमेशा के लिए...