Jayantee Khare

Inspirational Others

3  

Jayantee Khare

Inspirational Others

कोरोना काल

कोरोना काल

1 min
22


कोई वसुधैव कुटम्बकम की

आगे बढ़कर अलख जगाता है

कोई घृणा और अनुशासनहीनता के 

मन में अलाव जलाता है


कोई दीप जला कर घर घर में

महाशक्ति को ध्याता है

कोई अज्ञान के अंधकार में 

रहकर हर तर्क ठुकराता है


कोई ताल थाल और शंखनाद कर

सबका उत्साह बढ़ाता है

कोई भ्रामक बातों को फैला कर

अराजकता को उकसाता है


कोई निःस्वार्थ भाव से जनमानस की

सेवा करता जाता है

कोई दूसरों के घर घुसने की 

हर पल जुगत लगता है


अपनी अपनी नीयत है

और अपना अपनी राहें

मिलता है फल एक दिन सबको

चाहें या न चाहें


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational