आवाजें !
आवाजें !
कभी कभी ठहर के
रुक के बैठिए इत्मिनान से
सुनिए आवाजें ध्यान से
अपनी ही धुन की मस्ती कामयाबी
दौड़ भाग के बीच मे रुक कर
ठहर के सुनिए समझिए दूसरे क्या कहते हैं
क्या समझते हैं सोचते हैं आपके लिए
थोड़ा ध्यान देंगे तो सुनाई देंगी वो आवाजें
कोई दिल से लगाये बैठे है वो छोटी सी बात
किसी के लिए आप बदल चुकें हैं पूरे के पूरे
किसी के उम्मीद पर रह गए आप अधूरे
कोई कुछ और कहना चाहता था समझे नही आप
किसी ने आप की बात को समझा है एकदम उल्टा
किसी ने डाल दिया फोन नम्बर ब्लैक लिस्ट में
जिसे आप अभी तक जानते समझते थे ख़ास
रिश्तेदार नाते दार और दोस्त यार हो गए हैं दूर
जिन्हें समझते हैं जानते हैं कि वो हैं पास
यही मौका है सुधारने का रिश्तों को फिर से
वैसे ही कोशिश कर के देखिए एक बार !
कभी कभी ठहर के रुक के बैठिए इत्मिनान से
आवाजें जरूर आयेंगी।