मतलबी इश्क़ है मतलबी आशिकी प्यार तो अब अजय सिर्फ़ उपहास है। मतलबी इश्क़ है मतलबी आशिकी प्यार तो अब अजय सिर्फ़ उपहास है।
फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है। फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है।
प्रिय तुम्हारे मन में बसी हुई हूं इतना तुम निभा जाओ प्रिय तुम्हारे मन में बसी हुई हूं इतना तुम निभा जाओ
फिर भी हर पल हर लम्हा कुछ याद दिलाती जिन्दगी। फिर भी हर पल हर लम्हा कुछ याद दिलाती जिन्दगी।
चैन खोने लगा हैं और नींद भी हराम होने लगी हैं। चैन खोने लगा हैं और नींद भी हराम होने लगी हैं।
ख़ैर, अभी तो तुम नए नए तराने हुए हो, लोगों के ज़हन में नए नए पुराने हुए हो। ख़ैर, अभी तो तुम नए नए तराने हुए हो, लोगों के ज़हन में नए नए पुराने हुए हो।