फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है। फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है।
इसलिए प्रण करो कि सुधारे व्यवस्था के इस ढांचे को, ताकि न हो आहत कोई आगे किसी के खोने को। इसलिए प्रण करो कि सुधारे व्यवस्था के इस ढांचे को, ताकि न हो आहत कोई आगे किसी ...