शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं। शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं।
फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है। फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है।
फूलों के मधुर स्पर्श का अहसास तभी होता है जब कांटों की चुभन महसूस हो, फूलों के मधुर स्पर्श का अहसास तभी होता है जब कांटों की चुभन महसूस हो,
उस एहसास ने ही मेरे आसमाँ की ऊंचाइयों को कम कर दिया। उस एहसास ने ही मेरे आसमाँ की ऊंचाइयों को कम कर दिया।
मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया। मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया।
कर सब्र माना नीलम हक़ में नहीं ये पल मत भूल कि समय ख़ुद में करामाती है। कर सब्र माना नीलम हक़ में नहीं ये पल मत भूल कि समय ख़ुद में करामाती है।