निश-दिन घायल कर रही महंगाई की मार। निश-दिन घायल कर रही महंगाई की मार।
वो क्या गया की रफ़ाक़त के सारे लुतफ़ गए, मैं किस से रूठ सकूंगी किसे मनाऊंगी, वो एक रिश्ता बेनाम भी नही... वो क्या गया की रफ़ाक़त के सारे लुतफ़ गए, मैं किस से रूठ सकूंगी किसे मनाऊंगी, वो एक...
उसका मेरा मिलना नहीं हाथों कि लकीरों में क्या पता ये लकीर बनाके छोड़ेगी दुनिया उसका मेरा मिलना नहीं हाथों कि लकीरों में क्या पता ये लकीर बनाके छोड़ेगी ...
दूसरा लोक व्यवहार नेग रिवाज की भी भरपाई। दूसरा लोक व्यवहार नेग रिवाज की भी भरपाई।
इनकी सुन्दरता आँखों पर नहीं, तय किए गए पैमानों पर फिट बैठते हैं, इसलिए पूरे रहने के बावजूद ये अधू... इनकी सुन्दरता आँखों पर नहीं, तय किए गए पैमानों पर फिट बैठते हैं, इसलिए पूरे र...
मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया। मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया।