निश-दिन घायल कर रही महंगाई की मार। निश-दिन घायल कर रही महंगाई की मार।
सबने देखा क्या क्या पाया, सोना, चांदी या हीरे का तमगा। सबने देखा क्या क्या पाया, सोना, चांदी या हीरे का तमगा।
असल में, मैं पैसों की पेटी हूँ असल में, मैं पैसों की पेटी हूँ
दहेज़ के दानवों के विनाश हेतु चाहिए अब तरकशों से भरे बाण, इंतजार है ,कोई तो आएगा खरीद दहेज़ के दानवों के विनाश हेतु चाहिए अब तरकशों से भरे बाण, इंतजार है ,कोई त...
तुम्हारा अपना ही अस्तित्व मिट जाएगा एक दिन ! तुम्हारा अपना ही अस्तित्व मिट जाएगा एक दिन !
मजबूर थी यह सोचने के लिए कि आखिर नारी की यह अग्नि परीक्षा कब तक। मजबूर थी यह सोचने के लिए कि आखिर नारी की यह अग्नि परीक्षा कब तक।