दहेज के बदले बिके लड़का
दहेज के बदले बिके लड़का
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।
खूब पढ़ाया खूब लिखाया,
इसको उस काबिल बनाया,
साथी चुनने का जब वक़्त आया,
इसको भाया नीलामी का तड़का।
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।
माँ की सुने, बाप की सुने,
मन में सोचे किसको चुने,
मुख से कुछ कह नहीं पाया,
माथे पर लगा प्राइस टैग पटका।
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।
न देखे संस्कार किसी ने,
न देखी विचारों की खाई,
सबने देखा क्या क्या पाया,
सोना, चांदी या हीरे का तमगा।
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।
मां चाहे सब साथ रहेंगे,
सुख दुख अपने मिल बाटेंगे,
दहेज ने ऐसा रंग जमाया।
बेटा गुण गाये पत्नी का,
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।
ज़रा अपनी आंखें खोलों,
बहू को समझो अपने जैसा,
इसकी खुशियां जो भर पाया,
मान बढ़े उसके घर का।
ये कैसा रिवाज़ दुनिया का,
दहेज के बदले बिके लड़का।