STORYMIRROR

Bhawana Raizada

Abstract

3  

Bhawana Raizada

Abstract

गुड बाय 2021

गुड बाय 2021

1 min
176

आया हूँ मैं खुशियाँ ले कर

नये सलोने सपने लेकर। 

आनंदमयी घड़ियाँ सुहानी

रंग बिरंगी फूलों सी न्यारी। 

महकाये जो बगिया सारी

जागी ऐसी उम्मीद सारी। 

भूल निराशा के वो पल

आशाओं से भर लें दामन

कर के नमन 2022 को कहो हाय

मुस्कुरा के 2021 को करो गुड बाय। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract