STORYMIRROR

Meena Mallavarapu

Abstract Inspirational

4  

Meena Mallavarapu

Abstract Inspirational

दर्द...

दर्द...

1 min
270

   दर्द की क्या है जगह ज़िन्दगी में

      जानते हैं हम सभी इसे

     पर इस दर्द से निपटेंगे कैसे

      कौन सी अपनाएंगे राह

     क्या तोड़ देगा दर्द मुझे

 या निचोड़ निचोड़ कर सुखाएगा मुझे

  या लगवाएगा आंसुओं की झड़ियां

  या बुत की तरह कर देगा ख़ामोश

   या कुंठा और नैराश्य से मायूस

     झगड़ालू बना देगा मुझे

    कर देगा मुझे अपनों से दूर

समझने लगूं दुनिया भर को अपना दुश्मन 

    या पढ़ूंगी अपने दर्द का चिट्ठा

    अपनों और परायों के आगे

    जिसे सुन सुन कर हो जाए

     हर कोई मुझसे उदासीन

      जिसे सुन लोग कहें

        दर्द का क्या है

        है यह आनी जानी

    भूल जाओ यह किस्सा कहानी

       मेरी आंखों की नमी

      पहुंचे मेरी आंखों तक

        उस से पहले ही 

         जाती है सूख

     सीख लिया है मैंने जीना

    दर्द की आंखों में आंखें डाल

     अब वो हर दिन पूछे है

        मुझसे मेरा हाल

       दोस्त बन गए हैं हम

    मेरा दर्द मेरी आंखों तक पहुंचे

     नमी बन कर, उस से पहले ही

       सोख लेता है दर्द उसे

     दर्द से लगता नहीं अब डर

     न है उससे शिकवा शिकायत 

     अब जुड़ गया है रिश्ता उस से 

     हो गई है दोस्ती की शुरुआत 

       


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract