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Yudhveer Tandon

Abstract

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Yudhveer Tandon

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ज़ोर किस पर आज

ज़ोर किस पर आज

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ज़ोर है किस पर आज

जो मन में आये वो करो

रोका तुम्हें किसने आज

दर्द पराया छोड़ तुम बढ़ो।


खुद पर जो है तुम्हें नाज

तो आँख में आंसू न तुम भरो

रहने दो न आएंगे वो कभी बाज

छोड़ो ढोंग का न वो पर्दा करो।


बहरे हो सुनती नहीं आवाज

कान हैं तो जरा इधर तो धरो

न सुनता न महसूस अल्फ़ाज़

न रहना साथ फिर आगे बढ़ो।


एक नहीं हरबार के यही हालात

मिन्नते करो तुम या पैर उसके पड़ो

आज गर माने कल फिर नाराज़

तब कहता हूँ मत हालात से लड़ो।


इस हालात का तो है यही इलाज़

रिश्तों के दरवाजे अब ताला जड़ो

बाहर आ करो नवजीवन आगाज़

तोड़ पुरानी जंजीरें तुम आगे बढ़ो।


नई धुन छिड़ेगी जब नए होंगे साज़

छोड़ पुराने राग नव सुर ताल भरो

कल की छोड़ चिंता जीभर जियो आज

कल के चक्कर में न पल पल मौत मरो।


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