मुझे चाहिए
मुझे चाहिए
मैं बेरोजगार हूँ
मुझे रोजगार चाहिए
भीख में खैरात नहीं
काम का अधिकार चाहिए
मैं भूखा हूँ
मुझे रोटी दाल चाहिए
रोज का उपवास नहीं
शर्म से झुकी आँखें नहीं गर्व की चाल चाहिए
मैं गरीब हूँ
मुझे रोटी पकड़ा मकान चाहिए
झूठे आश्वासन नहीं
अपने बच्चों के लिए खुशियों का जहान चाहिए
मैं अनपढ़ हूँ
फिर भी बच्चों के लिए ज्ञान चाहिए
मात्र साक्षरता नहीं
सुशिक्षित हिन्दोस्तान का हर जवान चाहिए
मैं किसान हूँ
फसलों का अपनी उचित दाम चाहिए
कोई एहसान नहीं
खून पसीने का अपने मुझे पूरा हिसाब चाहिए
मैं हिंदुस्तानी हूँ
देश मुझे मेरा खुशहाल चाहिए
कोई बदहाल नहीं
हंसता हुआ हर कोई देश का लाल चाहिए।