खेल जिंदगी का
खेल जिंदगी का
बड़ा निराला खेल ज़िन्दगी का
मिश्रण है ये सफाई गन्दगी का
सब कुछ यहाँ पर उजला नहीं
हार अंधेरे से कुछ बदला नहीं
चला गया एक बार जो यहाँ से
वापिस न मुड़कर आया जहाँ में
कीमत को अपनी तुम जानो भाई
यहाँ आने का मकसद पहचानो भाई
आये हो तो कुछ कर के तुम जाओ
न अपना जीवन यूँ व्यर्थ में गंवाओ
रखा क्या इन फ़िजूल की बातों में
ढूंढ राह उजली न उलझो रातों में
जीवन तुम्हारा रत्न एक अनमोल
तू पैसे के भार से न इसको तोल
उतार चढ़ाव बहाव ठहराव जमाव
क्यों घबराना सब जीवन के पड़ाव
कहना बन्दे तू युद्धवीर का मान
मोल अपने जीवन का पहचान