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फिर धीरे धीरे बड़ी क्लास में आ गई तो पढ़ाई की जिम्मेदारी बढ़ गई। फिर धीरे धीरे बड़ी क्लास में आ गई तो पढ़ाई की जिम्मेदारी बढ़ गई।
पर मैं लिखती गयी बिना सोचे और फिर एक दिन मेरी मुलाकात मनोहर श्रीवास्तव सर से पर मैं लिखती गयी बिना सोचे और फिर एक दिन मेरी मुलाकात मनोहर श्रीवास्तव सर से
तुम कुछ अच्छा सा खाना बनाया करो रोज रोज दाल कौन खाता है।" तुम कुछ अच्छा सा खाना बनाया करो रोज रोज दाल कौन खाता है।"
यह था मेरी राइटिंग यात्रा का छोटा सा सफर। यह था मेरी राइटिंग यात्रा का छोटा सा सफर।
अब मुझे बाहर खेलने जाने दो नहीं तो तुम्हारा भाषण कभी भी खत्म नहीं होने वाला। अब मुझे बाहर खेलने जाने दो नहीं तो तुम्हारा भाषण कभी भी खत्म नहीं होने वाला।
मां के साथ बिताए हर पलों में सबसे खास पल वो दिन होता है जब मां के लिए हम कुछ करते हैं। मां के साथ बिताए हर पलों में सबसे खास पल वो दिन होता है जब मां के लिए हम कुछ करत...
हकीकत की मंजिल को कभी पार न कर सका और जिसका अफसोस मुझे जिंदगी भर रहेगा। हकीकत की मंजिल को कभी पार न कर सका और जिसका अफसोस मुझे जिंदगी भर रहेगा।
सब कहते भी थे दुकान मत जा...यह लड़कों का काम है सब कहते भी थे दुकान मत जा...यह लड़कों का काम है
फिर मैंने भी अर्जुन की तरह दृढ़ होकर अपने परिवार के तीखे बाणों का सामना करा फिर मैंने भी अर्जुन की तरह दृढ़ होकर अपने परिवार के तीखे बाणों का सामना करा
अपनी संस्कृति से बिखराव कहां का न्याय है अपनी हिंदी से अलगाव कहां की नीति है। अपनी संस्कृति से बिखराव कहां का न्याय है अपनी हिंदी से अलगाव कहां की नीति है।