समाज की समृद्धि में बाधक तत्व...।
समाज की समृद्धि में बाधक तत्व...।
हमारी सोच समय के अनुसार बदलती रहती,
पर हमारा व्यवहार नहीं बदलता,
क्योंकि हम उसमें कोई बदलाव नहीं लाना चाहते,
जिस कारण समाज प्रगति नहीं कर सकता,
जैसा है चीजों को तरीकों को वैसा ही रखना चाहते हैं,
और हमारी मानसिकता भी उसी तरह हो जाती है,
समाज में बदलाव लाने से पहले खुद को बदलो,
कहना आसान है पर करके कोई नहीं देखना चाहता,
यह कारण है कि हमारा समाज प्रगति नहीं कर पाता,
यह कारण है कि हम समाज में कुछ बदलाव नहीं ला पाते,
क्योंकि हमारी मानसिकता उन तुच्छ चीजों पर केंद्रित है,
जिसको हम खुद ही नहीं बदलना चाहते।