वृ्धाश्रम भेजना समस्या का हल नहीं।
वृ्धाश्रम भेजना समस्या का हल नहीं।
बेशक हमारे बड़े बुढ़ापे में थोड़े जिद्दी हो जाते हैं,
पर भला उनकी जिद्द से होकर नाराज,
उन्हें वृद्धाश्रम भेजना सही है?
क्या कभी आपने जिद्द नहीं की?
क्या कभी आपने अपना गुस्सा उनपर नहीं निकाला?
क्या तब उन्होंने आपको घर से निकाला?
नहीं न फिर हम क्यों ऐसा करते हैं?
अगर हम बड़ों की जिद्द को बच्चे की जिद्द समझ,
उन्हें प्यार से समझाएंगे,
तो वो भी हमारी हर बात को मानेंगे,
अगर हम थोड़ा वक्त उनको देंगे,
तो वो भी हमारे समय की कद्र करेंगे,
जरा सोचो,
बुढापा हर किसी को आएगा,
हम भी उस स्थिति में पहुंचकर जिद्द करेंगे,
पर जब आपके बच्चे आपको घर से निकालें,
तो कैसा महसूस करेंगे आप?
अगर आपको उनके किसी व्यवहार से परेशानी है,
तो उनको बताएं उनसे यूं मुख न फेरें,
वो आपके बड़े हैं जिन्होंने आपको संभाला था,
क्या आप उनके बुढ़ापे का सहारा नहीं बनेंगे,
क्यों उनको उनके घर से ही दूर भेजना?
खून पसीना बहाया है उन्होंने उस घर को बनाने में,
क्यों आखिर उनको वृद्धाश्रम भेजना?
जैसे उन्होंने आपको संभाला था,
वैसा ही ख्याल तुम उनका नहीं रख सकते,
क्या तुम्हारे माता पिता तुम्हें इसी दिन के लिए बड़ा करते हैं,
कि एक दिन तुम उन्हें उनके घर से बेघर कर दोगे,
नहीं न,
इसलिए उनका सम्मान करो,
उन्हें वहीं प्यार दो जैसा प्यार वो तुम्हे करते हैं,
उनके साथ समय बिताओ,
उनकी परिस्थिति को समझो,
उनकी भावनाओं का आदर करो,
कोई कभी किसी को परेशान नहीं करना चाहता,
पर बुढ़ापा हर किसी को रूलाता है,
इसलिए उनकी देखभाल करो,
क्योंकि एक न एक दिन तुम्हें भी वहीं झेलना है।