हिन्दी है हमारी माता
हिन्दी है हमारी माता
हिन्दी है हमारी माता
सम्मान इसका है करना ,
हम जग में बढ़ाएं गौरव
अपमान कभी न सहना ।।
हिन्दी सरल - सहज है
है सरताज यह हमारी ,
हिन्दी की गोद में ही
हमने ज़िन्दगी ये गुजारी ।
सदियों से जिसमें बहती
है संस्कारों की सरिता ,
सभी मिल के गुनगुनाओ
बने गीत, भजन, कविता ।
साहित्य के इस सफ़र में
निर्बाध सबको ही बढ़ना ,
हिन्दी है हमारी माता
सम्मान इसका है करना ।।
दूर मन का हो अंधेरा
दीप हिन्दी का जलाएं ,
देवों की भाषा है हिन्दी
हृदय तल में हम बसाएं ।
हमें अपनी मां की सेवा
आज करना है सभी को ,
करना है दूर ये मिलकर
दुनिया में इस कमी को ।
सच्चाई के इस पथ पर
सबको ही आज चलना ।
हिन्दी है हमारी माता
सम्मान इसका है करना ।।
" मां " शब्द सबसे पहले
इस जिव्हा पर ये आया ,
गीता ,रामायण ,वेदों का
जिसमें ज्ञान कोष समाया ।
करें मिल के सारे वंदन
दुनिया में पहचान बनाएं ,
"विश्व भाषा " का परचम
चहुं ओर जब ये लहराए ।
अनुपम मधुर है ये हिन्दी
इस देश का है गहना ।
हिन्दी है हमारी माता
सम्मान इसका है करना ।।