जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता। जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता।
बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी है इंतजार दे अपन... बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी ...
ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास। ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।
मैं नदी हूँ मुझे सरर सरर बहने दो, मैं पावन-पवित्र मुझे स्वच्छ रहने दो मैं नदी हूँ मुझे सरर सरर बहने दो, मैं पावन-पवित्र मुझे स्वच्छ रहने दो
मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ ! मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ !
गौरतलब करो सभीजन राष्ट्र का सम्मान है हिन्दी। गौरतलब करो सभीजन राष्ट्र का सम्मान है हिन्दी।