अध्यापन मेरा व्यवसाय है। हिंदी भाषा से विशेष लगाव है। प्राकृतिक सुषमा, बचपन के सौन्दर्य, सामाजिक एवं राष्ट्रीय विकास हेतु सतत प्रयत्नशील हूँ।
Share with friendsकुछ ही दिन बीते थे कि फर्ज ने विश्वास को फोन पर बताया कि मेरा स्थानांतरण
Submitted on 13 Sep, 2019 at 16:20 PM
तुम्हारी हालत तो मुझसे भी बुरी है। उसने कहा कि चलिए हम दोनों अब एक दूसरे बिना जीने की कोशिश करते हैं।
Submitted on 06 May, 2019 at 14:06 PM
परदेशी निरुत्तर सा उसके चेहरे पर अपनेपन की भाव भंगिमा को एकटक पढ़ने का प्रयास करता रहा...। ( शेष अगले भाग में )
Submitted on 05 May, 2019 at 16:31 PM
वह निष्ठापूर्वक अपने अध्यापन कार्य में संलग्न होकर छात्रों के सुखद सफर हेतु उनके जीवन कौशल को विकसित करने में संलग्न हुआ...
Submitted on 04 May, 2019 at 18:02 PM
समय बीतते देर न लगी और कुछ वर्षों के बाद गप्पू के सभी बच्चे उच्च शिक्षित होकर अच्छे विभाग और पद पर नियुक्ति पाकर सहनशीलत...
Submitted on 21 Apr, 2019 at 09:39 AM
कई दिनों तक अभ्यास के बाद भी वह दह की गहराई मापने में असफल रहा। तभी किसी ने इस बात की जानकारी चुनमुन के बुजुर्ग रिश्तेदा...
Submitted on 20 Apr, 2019 at 16:12 PM