जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता। जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता।
भाग्य का अस्तित्व कहाँ, पुरुषार्थ ही तो भाग्य को अस्तित्व में लाया। भाग्य का अस्तित्व कहाँ, पुरुषार्थ ही तो भाग्य को अस्तित्व में लाया।
तन की डाली पर तबाही फल रही है। तन की डाली पर तबाही फल रही है।
लेकिन जिंदगी में कुछ पाने के लिये सबकुछ खोना कहाँ कि समझदारी है, अपने सुख में लाखों मिलेंगे.. लेकिन जिंदगी में कुछ पाने के लिये सबकुछ खोना कहाँ कि समझदारी है, अपने सुख में ला...
कितनी भी खातिरदारी कर लो उसके माथे की त्यौरी न टूटे है पीहर में हँसती बेटी के ,,, कितनी भी खातिरदारी कर लो उसके माथे की त्यौरी न टूटे है पीहर में हँसती बेट...
पूछते रहे की कहाँ से लाये थे सीता के लिए राम को ? पूछते रहे की कहाँ से लाये थे सीता के लिए राम को ?