कभी आप मुझे प्यार करो, कभी आप मुझे लाडो कहो। कभी आप मुझे डांटो, कभी बच्चों जैसे मेरी डांट सुन लो। कभी आप मुझे प्यार करो, कभी आप मुझे लाडो कहो। कभी आप मुझे डांटो, कभी बच्चों जैसे ...
तो पुराने ख़त पढ़ने बैठ जाती है। तो पुराने ख़त पढ़ने बैठ जाती है।
कितनी भी खातिरदारी कर लो उसके माथे की त्यौरी न टूटे है पीहर में हँसती बेटी के ,,, कितनी भी खातिरदारी कर लो उसके माथे की त्यौरी न टूटे है पीहर में हँसती बेट...
पापा की ही तरह थकने लगे हो, जिम्मेदार पुरुष बनने लगे हो। पापा की ही तरह थकने लगे हो, जिम्मेदार पुरुष बनने लगे हो।
पहचान बनाई हूँ फिर भी में पराई हूँ। पहचान बनाई हूँ फिर भी में पराई हूँ।
स्त्री हर हाल में क्यों है परायी यह पहेली है जो न कभी बुझाई गई है। स्त्री हर हाल में क्यों है परायी यह पहेली है जो न कभी बुझाई गई है।