STORYMIRROR

Hemisha Shah

Drama

2  

Hemisha Shah

Drama

फिर भी में पराई हूँ

फिर भी में पराई हूँ

1 min
295

माँ_बाबा की दुलारी हूँ 

बड़े नाज़ो से पाली हूँ 


पीहर भी है घर मेरा 

ससुराल में भी सजाई हूँ 


पापा बोले" तु ससुराल की "

पति कहे" तु ना इस गांव की "


दोनों चौखट पे अपनी

पहचान बनाई हूँ 

फिर भी में पराई हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama