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Hemisha Shah

Romance

4  

Hemisha Shah

Romance

वही तो प्रेम संभलता है

वही तो प्रेम संभलता है

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काँटों के बीच फूल पलता है 

वही तो प्रेम संभलता है।


रात की आगोश में ये तारो की चादर 

फिर भी चाँद बादलमें छुपता है 

वही तो प्रेम संभलता है ।


इंसान जब इंसानकी मदद कर जाता है 

औऱ सहिमे इंसान बन जाता है 

वही तो प्रेम संभलता है। 


"तुम पहले खालो मुझे भूख नहीं" 

माँ का बच्चोपे ऐसे ही प्यार ढलता है 

वही तो प्रेम संभलता है ।


"तेरा टिफिन भर दूँ तेरा होमवर्क कर दूँ" 

भाई बहनका प्यार ऐसेही पलता है 

वही तो प्रेम संभलता है ..।


कुछ तुम कहो कुछ में कहु 

कुछ तुम सुनो कुछ मैं सुनूँ

पती पत्नी में नोक-झोक चलता है 

वही तो प्रेम संभलता है।


कभी में याद आउ तो चले आना 

दोस्तों की बातों से तो दिल बहलता है 

वही तो प्रेम संभलता है।


कभी किसी की याद से आंसू गिरे 

सामने आए तो हर आंसू मुस्कुराहटों में बदलता है

वही तो प्रेम संभलता है।...


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