अन्नदाता..( farmer)
अन्नदाता..( farmer)
अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए
हर चौखट पे तहे दिल से सम्मान होना चाहिए
किसान कितनी मेहनत कर जाता है
खेतों में फसल उगता है...
रात देखे ना दिन.. बस पसीना बहे जाता है
हर खेतों में प्यार से बीज बोता है
बड़े जतन से जब उसमें पौधा होता है
बड़ी ख़ुशी से हर किसान के आँख में आंसू होता है
हर तूफ़ान से बचाये उसको
ख्याल रखे के ना कोई जानवर खाये उसको
हर बादलों
की आहट पे नींद से चैन खोता है
अच्छी बारिश बरसेगी यकीन उसे होता है
फसल कटे तब अनाज
भर भर बाजार में जाता है
फिर किसान ख़ुशी से उछल जाता है
खुद ही खाये
लोगों को खिलाये..
अन्न के बिना कौन रहे पाए ?
इसलिए ....
इंसान भूखा अन्न के बिना
धरा अधूरी किसान के बिना
अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए
हर चौखट पे तहे दिल से सम्मान होना चाहिए