STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"गोपाष्टमी पर्व"

"गोपाष्टमी पर्व"

1 min
283


गोपाष्टमी पर्व पर,पूजते है,गाय साथ बछड़ा

गोविंद को आज भोग लगाया जाता,तगड़ा

गौमाता को आज खिलाई जाती है,लापसी

गौमाता की आज आरती की जाती है,मंगला


श्री कृष्ण बोले यशोदा से लेकर सुमधुर गला

मैया में बड़ा हो गया,अब न चराऊंगा,बछड़ा

दे मैया अब मुझे गाय-बैल चराने का छकड़ा

तब से मनाने लगे हम गोपाष्टमी पर्व,तगड़ा


गौ चराने से श्री कृष्ण को गोविंद नाम मिला

गोपाष्टमी पर्व पर जो हृदय को करते,विमला

श्री कृष्ण की भक्ति में मन को बना देते पगला

उनका वो आने-जाने का खत्म कर देते,लफड़ा


पर्व दिखाता,पूर्वजो का हृदय था कितना,उजला

इन पशुओं को मानते थे,घर का सदस्य अपना

आओ यह विरासत सहेजे,सबको माने अपना

स्वार्थ छोड़े,परहित हेतु भी देखे,थोड़ा सपना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational