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Sandip Kumar Singh

Inspirational

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Sandip Kumar Singh

Inspirational

भाई _दूज

भाई _दूज

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अनुपम भाई दूज है, बहन बंधु का प्यार।

पावन उत्सव खास है, देते हैं उपहार।।


बहन आस में हैं रहे, खड़े रहे वह द्वार।

आए भाई शीघ्र ही, करूं प्रेम बौछार।।


सदा धरा रौनक रहे, घर घर में हो हर्ष।

ऐसे पावन पर्व से, जीवन में उत्कर्ष।।


गरिमा मय है यह मिलन, फूलों सा अनुराग।

ममता की यह जोत है, जीवन में हो बाग।।


खुशियां हम सब करें, ऐसे अनुपम पर्व।

रिश्तों की यह डोर है, जिस पर है सब गर्व।।


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