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Sandip Kumar Singh

Action

4  

Sandip Kumar Singh

Action

ज़िंदगी

ज़िंदगी

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रंग बदलती पल _पल खूब है ज़िंदगी,

फिर भी बहुत ही हर्ष देती है ज़िंदगी।


चाहत दिल में सैकड़ों जवां हुए हैं,

खुदा जरा साथ दें दगा ने दें ज़िंदगी।


सितारा तोड़ लाऊं आसमां से,

झिलमिल बहार भर दूं ज़िंदगी।


दूर कहीं आस के दीए जल रहें हैं,

निराश मत होना ऐ मेरी ज़िंदगी।


बाग देखो कितनी हसीन दिखती है,

साज सज्जा से हसीन कर दूं तुझे ज़िंदगी।


मैं तुम्हें चाहूं दिलो जान से,

तुम भी मुझे चाहो ज़िंदगी।


दुनिया की हर रंगों में रंग जाओ,

खुशियों के सागर में तैरो ज़िंदगी।


मिलने वालों को भी सुरभित कर दो,

हर किसी में सुनहरा रंग भर दो ज़िंदगी।


कुछ यादगार कार्य कर जाओ,

मर कर भी अमर हो जाओ ज़िंदगी।


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