प्रदूषण
प्रदूषण


प्रदूषण ही प्रदूषण बढ़ रहा है,
जिन्दगी खतरे में अब पड़ गई है।
प्रकृति के साथ हो रहें खेलवाड़ है,
भौतिक सुख के चक्कर में पड़े सभी हैं।
तमाम प्रकार के रोग बढ़ते जा रहें हैं,
सांस लेना भी अब दूभर होता जा रहा है।
विभिन्न उपाय भी फेल होते जा रहें हैं,
अबाध गति से प्रदूषण बढते ही जा रहा है।
फिर भी सजगता में कोई बढ़ोतरी नहीं है,
लोग अपने ही धुन में जिए जा रहें हैं।
लोग गर अभी भी सजग नहीं हुए तो,
यही प्रदूषण सर्वनाश का कारण बनेगा।
प्रदूषण रोधी उपाय अपनाना चाहिए,
चौमुखी सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
पेड़ _पौधे पर्याप्त संख्या में लगाना चाहिए,
नदियों_तालाबों को साफ_सुथरा रखना चाहिए।
प्रदूषण के खिलाफ़ एकत्रित होकर,
कारगर कदम सबको उठाना चाहिए।