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Meena Mallavarapu

Inspirational

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Meena Mallavarapu

Inspirational

मेरा हिंदुस्तान, मेरा तिरंगा

मेरा हिंदुस्तान, मेरा तिरंगा

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तिरंगा करता प्रफुल्लित , भाव विभोर ,आंखें नम 

दिल की गहराइयों को है छूता - हर लेता हर ग़म

याद दिलाता वीरों की कुर्बानी,नतमस्तक होते हम

स्वतंत्र हम , गणतंत्र हम , चाहें और क्या तुम हम

उठ खड़े हों,कस लें कमर,योद्धा हम भी नहीं कम

मन को करें विकसित , बनें दरियादिल , तुम हम।


दुखी न करे कोई किसी को , न हों संगदिल हम

करुणा ,समानुभूति, प्रेम और माधुर्य बांटें हम

नफ़रत,हिंसा, तंगदिली से जूझें, दिलदार बनें हम

जात पात ,धर्म ,लिंग,रंग रूप के पूर्वाग्रह छोड़ें हम

मानव जाति का सम्मान करें,पर्यावरण संवारें हम

हैं हम सिपहसालार अपनी धरा के, यह जानें हम।


स्वतंत्रता सदा उत्सव का प्रतीक ,उत्सव का पर्याय 

हर किसी की चहेती , किसे न भाए, किसे न सुहाए

मन खिल खिल जाए,पंछी बन उड़ान जब भर पाए

उन आंखों की चमक के आगे चंदा तारे भी शरमाएं

उसकी ख़ूबसूरती उमंग , उल्लास , उत्साह जगाए

हर प्राणी चाहे आज़ादी हर उस बेड़ी से,जो फ़रमाए

अपनी शर्तें , अपने उसूल - जो संगदिल हमें बनाए

पराधीनता से बड़ा अभिशाप न कोई,यही समझाए


स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार, जानते हैं सभी

जानते तो हैं मगर हक अपनों का ही छीनते कभी

देश हो या विदेश, घर बार या परिवार आते सभी

इस के दायरे में । आज़ाद हों जब हमारे मन भी

समझेंगे असली परिभाषा आज़ादी की हम तभी

नहीं तो कूप मंडूक बन,किसी को समझेंगे न कभी

अहं हमारे आ जाता आड़े,बंद कर देता राहें सभी परिप्रेक्ष्य और परिपक्वता की ,बना देता हमें दंभी


देश हमारा हुआ स्वतंत्र जब, सपने देखे हम सब ने 

ख़ुशहाल भारत,जहां भूखे पेट न सोयेगा कोई

हर नागरिक को मिलेगी शिक्षा,सब में दिखेंगे अपने

सब के पास होगा जीवन यापन का साधन कोई

बड़ा न छोटा क़ोई , बड़े न छोटे किसी के सपने

भूल न जाएं अपने वादे, होवें न कभी शर्मिंदा हम


तिरंगा अपना है, मान रखें इसका हम

शान इसकी कम ,कभी न होने दें हम

समर्पित हों,प्रेरित हों,अभिमानित हम।



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