मीना मल्लवरपु ने बचपन से ही ख़ुद को शिक्षिका के रूप में देखा और ज़िंदगी ने उनके इस ख़्वाब को पूरा किया! मातृ भाषा तेलुगु है,मगर शिमला और दिल्ली में शिक्षा पाई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी और बैंगलौर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में MA की डिग्री हासिल की और बैंगलोर के एक महिला कालेज में... Read more
मीना मल्लवरपु ने बचपन से ही ख़ुद को शिक्षिका के रूप में देखा और ज़िंदगी ने उनके इस ख़्वाब को पूरा किया! मातृ भाषा तेलुगु है,मगर शिमला और दिल्ली में शिक्षा पाई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी और बैंगलौर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में MA की डिग्री हासिल की और बैंगलोर के एक महिला कालेज में सेवा निवृत्ति तक शिक्षिका रहीं।
साहित्य में अभिरुचि तो आरम्भ से ही रही परन्तु काव्य लेखन की असली शुरुआत 2017 से ,सात दशक के कगार को पार करने के उपरान्त ही हुई। हस्त कलाओं में भी अत्याधिक दिलचस्पी है और उनका विश्वास है कि इनके होते जीवन कभी नीरस नहीं हो सकता! Read less