मेरा जीवन सु:ख _दुःख के दो पहलूओं के बीच पिसता रहा। आंसूओं के सैलाबों को पार करते हुए मुस्कुराने की कोशिश करता रहता हूं। परिणाम स्वरूप रचना रचने की भावना जागृत हुआ। और रंग _बहुरंग रुप में नित नव सृजन करता रहता हूं। मैं पढ़ाई बिहार की राजधानी पटना से किया हूं। ठीक हूं , ज़िंदगी का मज़ा लेते हुए... Read more
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