नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
भगवान ने इस दुनिया में बनाया कई सारे नए जीव हैं
जिसका नामकरण अब तक विज्ञान भी नहीं कर पाई है
और जिसको खोज बड़े बड़े वैज्ञानिक भी नहीं पाए हैं
लेकिन इंसान भगवान का सबसे श्रेष्ठ निर्माण है
जिसे कोई भी आम व्यक्ति इनकार नहीं कर सकता ।
भगवान के उन्हीं निर्माणों से नारी एक अद्भुत निर्माण है
जो बहुत लोग नहीं हैं पाते समझ देख के नारियों को
करते हैं उनका अपमान उनका तिरस्कार सोच कर
उनको आदमियों से कमज़ोर
है करते उन पर जी भर कर अत्याचार परखते उनकी सहनशीलता को
भूल वो हैं जाते की आज उन्हें दुनिया में लाता
एक नारी ने ही पाल कर उसे उनकी कोख में नौ महीने,
है वो सोचते की जितना करे हम उन पर अत्याचार नहीं है
उनकी हिम्मत करे हम पर वार करे वो विद्रोह
अगर करने आ गए कभी नारी विद्रोह तो नहीं रहेंगे आदमी मर्द क्यों की
बिना नारी के वो आदमी कहां जो कर पाए अपनी अर्धांगिनी का तिरस्कार ।
नारी ही होती वो ताकत है जो दुनिया की सबसे बड़ी दर्द को सह कर देती अपने बच्चे को जन्म है
चाहे करे वो आदमी उस पर कितना भी अत्याचार उसके परिवार को जोड़ कर रखे वो औरत एक नारी है
चाहे कर ले आदमी उस पर कितने भी जुल्म याद वो नहीं रखता नहीं वो पाता समझ
की आज जो वो तेज़ी से अपने पेशा व्यवसाय एवं आजीविका में आगे रहा है बढ़
नहीं होता वो मुमकिन अगर नहीं होता दिया उसकी पत्नी ने उसकी साथ ।
आज बेटियों को देते हैं मार गर्भ में सोच नहीं है ये किसी काम की
जहां करते हम देवी मां के पूजा वहां होता नारियों पर ज़ुल्म
लगाते हैं लोग नारे की करो अपनी बेटी की सुरक्षा पढ़ाओ उसे
और जिंदगी में बढ़ने दो उससे आगे
याद रखे वो आदमी की जहां नहीं कोई औरत कोई नारी है
नहीं कोई देश की विकाश और मर्दों की मर्दानगी है
क्यों औरत एवं नारी हीं भगवान की बनाए ऐसी निर्माण जो देती बेटा बेटियों को जन्म है
अगर आ जाए कभी नारी गुस्से में टूटता है घर ले ले
कभी नारी मां दुर्गा का रूप हो जाएगा मर्दों और उनका अभियानों का विनाश।
