ओ मेरे कन्हैया
ओ मेरे कन्हैया
ओह मेरे कन्हैया
तुमसा है कौन इस दुनिया में महान
है बस हर जगह इस दुनिया भर में तुम्हारा हीं गुणगान
हो तुम श्री हरि नारायण के नौवी अवतार
हो कर लिए तुम जन्म माता देवकी के आठवें संतान के रूप में
ले कर श्री हरी के सारे दिव्य शक्तियां
आए जो इस संसार समझाने तुम धर्म ज्ञान और प्रेम परिभाषा
गाए जाते हैं मीरा बाई जैसे भक्त तुम्हारे आज भी गुणगान
ओ मेरे कन्हैया यशोदा नंदलाला
श्री कृष्ण गोविंद गोपाला हैं बड़े नटखट मनमोहना।
ओह मेरे कन्हैया किशोर नंद लाला गोविंद गोपाला
तुमसा है कौन इस दुनिया में महान
जन्म होने के छटे दिन में किया तुमने अंत राक्ष्यसी पूतना का
जो मारने आई थी चुपके पिलाके तुम्हे अपना विष
जिसे भेजा था तुम्हारे मामा कंस ने
हो तुम इतने महान की तोड़ने इंद्र देव का घमंड
उठाया तुमने सबसे छोटी उंगली में गोवर्धन पर्वत
बचाया पूरे गोकुल तथा बरसाना वासियों को
इंद्र देव के क्रोध तथा प्रचंड प्रकोप से
करवाया उनको उनके किए भूल का एहसास
ओह मेरे कन्हैया श्री कृष्ण रचाए रास लीला
गोविंद गोपाला हैं बड़े नटखट मनमोहना।
ओह मेरे कन्हैया बल राम दाऊ के हो नटखट कान्हा जो सताए हर पल उनको करने राधा के साथ प्रेम जो है खड़े उनके साथ
करने असुरों का अंत तुमने किया अकेले बकासुर भाती विशाल बगोले का चुटकी भर में अंत किया अघासुर जैसा विशाल सर्प भाती असुर का जो आया था निगलने तुम्हारे सारे प्रियजन को। कृष्ण हो तुम महान इतने जिसने अपना बाल्यकाल में किया शक्तासूर भाती ठेले का रूप लेने वाला असुर जिसके बाद किया तुमने त्रिनावर्ता का अंत जो था एक भयानक तूफानी असुर भेजा गया था तुम्हारे मामा कंस के द्वारा करने तुम्हारा अंत ताकि झुठला दे वो आकाशवाणी
ओह मेरे कन्हैया यशोदा नंदलाला गोविंद गोपाला जो कहलाए नटखट माखन चोर तथा मधुर बांसुरी वाला।
ओह मेरे कन्हैया न कोई तुम जैसा महान यंहा जो करे अपने बाल्यकाल में इतने असुरों का अंत तथा करे राधा के साथ रास बजाए मनमोहक मधुर बांसुरी और निर्माण किया राधा के संग बृंदावन का जो जाना गया राधकृष्ण का प्रेम का स्थान
हो तुम वो मेरे कान्हा जिन्होंने रचना किया निर्माण अदभुत दिखने वाली द्वारिका नगरी की स्थापित थी समुद्र जिसकी रक्षा में दिया तुमने समुद्र देव को उसका दायित्व
हो तुम महान इतने किया तुमने नरकासुर का अंत मुक्त किया तुमने १६१०० कन्याओं को दिया उन्हें मान सम्मान बनाया उनको अपनी पत्नियां दिया उनको रानियों का स्थान सुरक्षा दी उनको द्संसार के तानों से इतिहास में दिया गया उनको स्थान तुम्हारी पत्नियां केहेलाने का सौभाग्य जो हो न पाया होता कभी किया उससे तुमने
ओ कान्हा मेरे कन्हैया हो तुम इतने महान इतने धैर्यवान चाहे लोग सुनाए तुम्हे कितने कड़वे वचन तुम सोचते सदैव उनके भले के विषय में हो कर माता देवकी का आठवां संतान संसार से कहलाते तुम यशोदा के नंद लाला हो
ओ मेरे कन्हैया मुरलीधर लीलाधर किशोर गिरिधारी श्री कृष्ण मुरारी हो तुम गोविंद गोपाला हो बड़े मनमोहना जिसने रचाया महाभारत चेताने इतिहास को बढ़े गा जभी अधर्म आओगे तुम लेकर अवतार करना दुष्टों का संघार जैसे कभी तुम केहलाते रणछोड़ तो कभी अर्जुन के सारथी दिखाने उसको रणभूमि में सही मार्ग बचाया तुमने द्रौपदी का मान स्वाभिमान कुल वधु का गौरव दिया हस्तिनापुर के इतिहास को एक नई पहचान
है कृष्ण तुम हो कितने महान कभी दिखाया तुमने कृष्णेश्वर राधा का रूप तो कभी दिखाया तुमने जगत को राधेश्वर कृष्ण का रूप हो जगत में तुम हर जगह देते सबको ज्ञान ही कृष्ण तुम हो बड़े महान।
ओ मेरे कन्हैया
ओ मेरे कन्हैया यशोदा नंदलाला
श्री कृष्ण गोविंद गोपाला हैं बड़े नटखट मनमोहना।
ओ मेरे कन्हैया मधुर बांसीवाला श्री कृष्ण गोविंद अछूता माधव है
मुरलीधर लीलाधर गिरिधरी श्री कृष्ण मुरारी है द्वारकाधीश है गोपाला किशोर मनमोहना मेरे कन्हैया तुमसे बड़ा कौन यहां।
