शत-शत नमन शहीदों को
शत-शत नमन शहीदों को
करता भारत शीश झुकाकर, शत शत नमन शहीदों को
अश्क़ स्वरूपी सुमन चढ़ाकर, शत शत नमन शहीदों को
पुलवामा की इस घटना ने, दिल को चकना चूर किया
भारत के हर शख़्स को इसने, उठने को मजबूर किया
बच्चे-बूढ़े, नर-नारी सब, उतर पड़े हैं सड़कों पर
पी.एम. जी अब कदम उठाओ, लफ़्ज़ यही हैं होठों पर
माता के हृदय से चिपके, देखो लाल सिसकते है
बहना के पथराये नैना, वीर का रास्ता तकते हैं
वीर शहीदों की रूह पूछे, कुछ तो बोलो पी.एम. जी
उबल रहा है लहू हमारा, मुख तो खोलो पी.एम. जी
आतंकी का खौफ बताओं, कब तक राज करेगा अब
घाव लगे हैं जो हृदय पर, उनको कौन भरेगा अब
बतलाओ क्या उत्तर दे हम, अपने वीर शहीदों को
करता भारत शीश झुकाकर, शत शत नमन शहीदों को
शस्त्र सजाकर बैठे हैं बस, एक इशारा दे दो तुम
आज मिला देंगे माटी में, बैठ नज़ारा देखो तुम
अब सहन नहीं होती हमसे, ये पाकिस्तान की गद्दारी
पाल रहा जो आतंकी को, करता छुपकर गोलाबारी
आदेश तुम्हारा मिल जाये, तो डंका आज बजा देंगे
कमजोर न समझें भारत को, ये दुनिया को समझा देंगे
शीश हिलाकर पी.एम. ने फिर, सेना को आदेश दिया
ब्रह्ममुहूर्त में पवनदूत को, बालाकोट में भेज दिया
बोले जाओ आग लगा दो, दुश्मन के तुम डेरों पर
लौटोगे है पूर्ण भरोसा, मुझको अपने शेरों पर
हाथ जोड़कर बोले 'माही', शत शत नमन शहीदों को
करता भारत शीश झुकाकर, शत शत नमन शहीदों को
12 मिराज का रूप ले आये पवन कुमार
बालाकोट में पहुँच कर बरसे बन अंगार
जय हिन्द