जीवन संध्या काल में प्यार का इजहार
जीवन संध्या काल में प्यार का इजहार
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम।
कह ना पाए हम तुमको सनम।
सोचा था, हमने कभी हम कहेंगे।
कभी तुम कहोगे ।
मगर ना तुमने इजहार किया।
ना हमने कभी इजहार किया ।
तो चलो आज हम ही इजहार करते हैं बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम।
ना तुमने कभी इशारा इजहार किया।
तो इकरार की तो बात कहां है। महसूस करते करते यहां तक आ गए हैं।
जिंदगी के संध्याकाल में अब तो इजहार कर ही देते हैं।
की ए सनम हम तुमको बहुत प्यार करते हैं।
जिंदगी की धूप तुम ही हो।
जिंदगी की छांव तुम ही हो ।
तुम ही से है जिंदगी रोशन
तुम्हीं से है मेरा जीवन रोशन।
है बरगद सा फैला प्यार हमारा।
है सागर सा गहरा प्यार हमारा।
तुम ही से रोशन जमाना हमारा।
जब तक है जिंदगी प्यार तुम्हीं
से हम करते रहेंगे करते रहेंगे।

