फिरता हूँ वक़्त के साथ दर बदर की ठोकरों में, जाने किस वक़्त ये वक़्त मुझे थामे मंज़िल पाने के लिए।। फिरता हूँ वक़्त के साथ दर बदर की ठोकरों में, जाने किस वक़्त ये वक़्त मुझे थामे मंज़...
बहुत दिनों से पढ़ रही गजलों ने मेरे दिल में जोश जगाया बहुत दिनों से पढ़ रही गजलों ने मेरे दिल में जोश जगाया
कैद हुई आवाज़ हृदय में कहीं , अजनबी का फासला कम जो हुआ कैद हुई आवाज़ हृदय में कहीं , अजनबी का फासला कम जो हुआ
प्यार हमारा है सच्चा ये हमको किसी को बताने की जरूरत नहीं प्यार हमारा है सच्चा ये हमको किसी को बताने की जरूरत नहीं
कितना भी तुम एकरार करो किसका अब तुम इंतेजार करो। कितना भी तुम एकरार करो किसका अब तुम इंतेजार करो।
चाहते हैं उन्हे उनसे भी जायदा खयाल आता है उनका नींदों से भी ज़्यादा। चाहते हैं उन्हे उनसे भी जायदा खयाल आता है उनका नींदों से भी ज़्यादा।