मुस्कान की चाहत
मुस्कान की चाहत
मुस्कान की चाह"
मुस्कान भरी सुबह है आई,
खुशियों की बहार संग लाई।
उसके सपने हैं कुछ खास,
जिसमें बसी एक सुंदर आस।
अक्षर-अक्षर जोड़ के वो पढ़े,
हर मुश्किल से वह नहीं डरे।
किताबों में उसकी दुनिया समाई,
ज्ञान की ज्योति से राह दिखाई।
गाँव की वो चिराग बनी,
अंधेरों में रोशनी लाने वाली।
मुस्कान की चाह में साहस भरा,
हर चुनौती पर विजय पाने वाली।
है मुस्कान उसकी बहुत प्यारी,
नाम को सार्थक करती मुस्कान हमारी।
मां बाप की, परिवार, पास पड़ोसियों की जान है वह
प्यारे दोस्तों की है वह जान मतवाली ।
जिसके आने से सबके मुंह पर रौनक आ जाए ऐसी है मुस्कान प्यारी।
अपने नाम को सार्थक करने वाली है मुस्कान हमारी।
