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J P Raghuwanshi

Action Fantasy Inspirational

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J P Raghuwanshi

Action Fantasy Inspirational

"क्या लिखूं"

"क्या लिखूं"

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क्या लिखूं! कलम नहीं चलती,

क्या लिखूं, आज की चालों पर।

तरश भी आता, आत्मा रोती,

देश बेचने वालों पर।


370 हटाने का विरोध जो करते,

पत्थरबाजी करते हैं।

शांति और अमन के शत्रु,

कुत्ते की मौत, फिर मरते है।


ऐसा कैसा यह जिहाद है,

हमें समझ नहीं आता है।

सारी मानवता शर्मिंदा,

क्यों दंगे करवाता है।


नये खून में अब तो मुझको,

कोई जोश नहीं दिखता।

लाल-बाल सा नहीं बहादुर,

तिलक, बोस सा नहीं दिखता।


ये तो केवल कायरता है,

बची नहीं क्या खानी है।

कैसे हो गये युवा हमारे,

क्या? खून हो गया पानी है।


यौवन धन से भरे हुये हों,

अब तो उठो जवानों।

अपने हाथों में शस्त्र उठा लो,

देश के ओ दीवानों।।


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