टी-30का तड़का
टी-30का तड़का
सोचा मै भी फ़िल्म बनाऊं,
लेखन की मैं अलख जगाऊं।
स्टोरी मिरर को थीम बनाकर,
टी 30 का तड़का लगवाऊं।।
स्क्रिप्ट लिखें हार्दिक भाई,
कैमरा यश के हाथ रहे।
डाइरेक्टर विभू दत्ता हों,
मनीषा साहू का साथ रहे।।
दो सौ होंगे कुल कलाकार,
एक्शन का होगा चमत्कार।
वैम्प भी आएं समय समय पर,
फ़िल्म करेगी हाहाकार।।
ओ. टी. टी.पर दिखलाएंगे,
हम नमक मिर्च भी लगाएंगे।
टी. वी.पर उसे दिखाएंगे,
कोरस में गीत सुनाएंगे।।
हितकारी बनें हितेष जैन,
रखना होगा सुख और चैन।
कमल, शुभांगी, केवती, ऊषा,
सजग रहेंगे उनके नैन।।
कुछ डाली जाय अन्तरंग सीन,
हाजिर नाजिर वहाँ प्रवीन।
जो फ़िल्म की ख़ातिर हो आतुर,
पीआरओ हैं अरुणिमा ठाकुर।।
शैलजा, प्रियंका, अंजलि का,
सहयोग करें सरिता, महेश।
मीना, अर्चना समीक्षा भी,
कर डालें अपना श्री गणेश।।
जिन जिन को हूं मैं भूल रहा,
उन सबकी वंदना करता हूं।
अब चला चली की बेला है,
गुडबाय सभी को करता हूं।।