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Prafulla Kumar Tripathi

Romance

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Prafulla Kumar Tripathi

Romance

डूबता सूरज!

डूबता सूरज!

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सुनो प्रिये! 

ये जो डूबता सूरज है

उसकी मद्धिम पड़ रही लालिमा

कुछ कह रही है हमसे! 


सुनो हिये! 

ये जो फैलती जा रही कालिमा है

उसकी कोख से निकलेगा चन्द्रमा

जो निकाल सकेगा हम सभी को ग़म से! 


सुनो मीते! 

ये डूबता सूरज या उगता चन्द्रमा

हमारे जीवन के प्रतिरुप ही तो हैं

अपनी आत्मा तो अजर अमर है! 



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