अपनी तरह की ज़िन्दगी!
अपनी तरह की ज़िन्दगी!
बड़ी उम्र की औरतों से मोहब्बत,
तुम्हारी नहीं , उनकी है जरूरत।
इसलिए नहीं कि उनकी ,
पूरी नहीं हुई अभिलाषा।।
बल्कि इसलिए कि कदाचित,
शेष रह गई हैं उनकी आशा।
आशा , उस एक अदद साथी के साथ की,
जिसकी छाँव में उम्र भर की थकान उतार सकें।।
वो भी पा सकें एक ऐसा अल्हड़ दोस्त जिसके साथ चिपक कर सड़क पर भीग सकें।
प्रौढ़ औरत चाहती है एक ऐसा हमसफ़र, जिसकी वो सिर्फ़ बीबी ही नहीं।
दोस्त , पार्टनर, प्रेमिका भी बन सके,
........आईने में बार बार अपना रुप निहार सकें।।
परिपक्वता की खूबसूरती की रंगत,
दमक और चहक ही कुछ और होती है।
ऐसा लगता है कि कुछ जीत लिया हो हमने,
ऐसा लगता है कि बिखरी खुशी पा लिया हमने।।
जड़ से गहरी होती हैं ये बड़ी उम्र की औरतें,
तुम तोड़ने चाहोगे तो ख़ुद की साँसें गँवा दोगे ।
वे जीना नहीं चाहतीं छलावे की ज़िंदगी ,
इसलिए तुम पारदर्शी प्रेम उनसे पा सकोगे।।
ये बड़ी उम्र की औरतें सेक्स नहीं,
चंद इन लम्हों में पा लेना चाहती हैं आसमान की खुशियाँ।
वे भूलना चाहती हैं काम पिपासु के साथ अब तक व्यतीत रातें ,
....और अब मांग रही हैं अपनी तरह की जिंदगी जीने की खुशियाँ।।